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Surajpur News: डॉक्टर और दो नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ FIR: जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में कार्रवाई, सरकारी हॉस्पिटल से छुट्टी करवा ले गई थी प्राइवेट अस्पताल...

Surajpur News: डॉक्टर और दो नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ FIR: जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में कार्रवाई, सरकारी हॉस्पिटल से छुट्टी करवा ले गई थी प्राइवेट अस्पताल...
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By NPG News

Surajpur News : सूरजपुर । जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में सूरजपुर जिले में बड़ी कार्रवाई हुई है। जांच के बाद जिला हॉस्पिटल में पदस्थ महिला चिकित्सक व उनके निजी हॉस्पिटल में पदस्थ 2 स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

ग्राम भुनेश्वरपुर निवासी 22 वर्षीय पूजा साहू पति रामनारायण साहू को प्रसव पीड़ा होने पर 3 अप्रैल को सूरजपुर के जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था। यहां शासकीय चिकित्सक रश्मि कुमार ने उनका 4 अप्रैल तक इलाज किया था। उन्होंने पूजा साहू के परिजनों को कहा कि मेरा निजी हॉस्पिटल भी है। यदि पूजा को वहां एडमिट करवाया जाता है तो वहां नॉर्मल डिलीवरी बहुत ही कम खर्च में करवा देंगे। चिकित्सक रश्मि कुमार ने नॉर्मल डिलीवरी का 15 हजार रुपये और ऑपरेशन से डिलीवरी का 35 से 40 हजार रुपये खर्चा बताया। जिसके बाद पूजा साहू के पिता व परिजनों ने उसे जिला चिकित्सालय से निकालकर डॉक्टर रश्मि कुमार के निजी चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया। रश्मि कुमार का निजी चिकित्सालय जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम तिलसिवां में स्थित है। जिसे रश्मि नर्सिंग होम के नाम से जाना जाता है। 5 अप्रैल की सुबह 5 से 10 के बीच पूजा प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी। जिस पर उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। डॉक्टरों ने पहले नॉर्मल डिलीवरी करवाने की बात कही फिर थोड़ी देर बाद कहा कि नार्मल डिलीवरी से बच्चा बाहर नहीं आ पा रहा है इसलिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। फिर करीबन 12 बजे डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर से बाहर आकर कहा कि बच्चे को क्रिटिकल स्थिति के चलते नहीं बचाया जा सका पर उसकी मां को इलाज कर बचा लिया गया है।

शाम को तकरीबन 3 बजे पूजा साहू की मुलाकात उसके परिजनों से करवाई गई। जिस पर उसकी स्थिति ठीक थी। वह आराम से बात कर रही थी और उसने खाने के लिए खाना भी मांगा। पर डॉक्टरों ने उसे खाना देने के लिए मना किया,सिर्फ उसे पानी पिलाया गया। फिर शाम 5 बजे उसे रूम में शिफ्ट कर दिया गया। रात तक उसकी स्थिति ठीक थी रात तकरीबन 10:30 बजे उसे खून का बॉटल चढ़ाया गया। जिसके बाद पूजा की स्थिति बिगड़ गई और उसकी सांस उखड़ने लगी। इस दौरान डॉक्टर व नर्सों ने पूजा के सीने पर प्रेशर देकर पंप करना शुरू किया पर उसकी देर रात मौत हो गई।

पूजा की मौत के बाद उसके पिता व परिजनों ने सीएमएचओ व पुलिस अधिकारियों से शिकायत करते हुए बताया कि पूजा की स्थिति पहले सामान्य थी, खून चढ़ाने के बाद उसकी स्थिति बिगड़ी। हम लोग उसकी स्थिति को देखते हुए दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे इसके लिए एंबुलेंस से संपर्क कर लिया था। पर एंबुलेंस के अस्पताल पहुंचने से पहले ही डॉ रश्मि ने एंबुलेंस वाले को फोन कर यह कहते हुए मना कर दिया कि पूजा की स्थिति यही ठीक हो जाएगी। पर उसकी मौत हो गई। डॉक्टर की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की मौत होने को लेकर पूजा के पिता व अन्य परिजनों ने सीएमएचओ समेत प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को शिकायत कर डॉक्टर व अस्पताल पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की थी।

शिकायत के बाद तहसीलदार ने पूजा नर्सिंग होम को सील भी कर दिया था और सीएमएचओ ने भी इस मामले के लिए जांच कमेटी बनाई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर डॉक्टर व अस्पताल को पूजा की मौत के लिए दोषी माना गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जिला चिकित्सालय में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ रश्मि कुमार व उनके निजी अस्पताल के दो स्टाफ नर्स अंजली तिर्की व मौसम तिर्की के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में धारा 304-ए, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इसके साथ ही महिला चिकित्सक रश्मि कुमार पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया है।

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